Tuesday, June 9, 2020

क्या ईसा मसीहा जी भगवान थे? 🤔

             🤷‍♀️ आईये जानते हैं ईसा मसीह जी के गूढ़ रहस्य वाली बातें 🤔

🤔कोंन थे ईसा मसीहा जी?
आज हम आप को हजरत मोहम्मद जी के जीवन के बारे में प्रमाण सहित बताएगें की वो कौन थे?

1. उनका उद्देश्य क्या था ?
2. वो कष्ट मे क्यो थे ?
3. क्या वो भगवान् थे ?
4. भगवान्  साकार है या निराकार 🤔?

👉मांस खाना परमेश्वर का आदेश नहीं !
पवित्र बाईबल (उत्पत्ति ग्रन्थ 1:29)
प्रभु ने मनुष्यों के खाने के लिए जितने बीज वाले छोटे पेड़ तथा जितने पेड़ों में बीज वाले फल होते हैं वे भोजन के लिए प्रदान किए हैं, माँस खाना नहीं कहा है।

👉उत्पत्ति ग्रन्थ 1:28
परमेश्‍वर ने उन्‍हें यह आशिष दी, ‘फलो-फूलो और पृथ्‍वी को भर दो, और उसे अपने अधिकार में कर लो। समुद्र के जलचरों, आकाश के पक्षियों और भूमि के समस्‍त गतिमान जीव-जन्‍तुओं पर तुम्‍हारा अधिकार हो।’
परमात्मा ने मांस खाने का आदेश नहीं दिया।

🤷‍♀️पवित्र बाईबल (उत्पत्ति ग्रन्थ) से सिद्ध होता है कि परमात्मा मानव सदृश शरीर में है, जिसने छः दिन में सर्व सृष्टी की रचना की तथा फिर विश्राम किया।

😇भगवान ने मनुष्य को शाकाहारी भोजन खाने का आदेश दिया है - पवित्र बाईबल

👉पवित्र बाइबल में भगवान का नाम कबीर है - अय्यूब 36:5, यहां स्पष्ट है कि कबीर ही शक्तिशाली परमात्मा है।

🤔अय्यूब 36:5 (और्थोडौक्स यहूदी बाइबल - OJB)
परमेश्वर कबीर (शक्तिशाली) है, किन्तु वह लोगों से घृणा नहीं करता है।
परमेश्वर कबीर (सामर्थी) है और विवेकपूर्ण है।

👏पवित्र बाइबिल (उत्पत्ति ग्रंथ) में लिखा है कि परमेश्वर ने मनुष्य को अपने स्वरूप के अनुसार उत्पन्न किया। इससे सिद्ध है कि प्रभु भी मनुष्य जैसे शरीर युक्त है तथा छः दिन में सृष्टी रचना करके सातवें दिन तख्त पर जा विराजा।

🤔पवित्र बाईबल के उत्पत्ति ग्रंथ पृष्ठ 1 से 3 में लिखा है कि परमेश्वर ने 6 दिन में सृष्टि की सातवें दिन सिंहासन पर विराजमान हो गए। फिर आगे बाईबल में काल का जाल शुरू हो गया और सबको काल ने अपने जाल में फंसाने के लिए परमेश्वर के ज्ञान में मिलावट कर दी।

👉हजरत ईसा मसीह की मृत्यु 30 वर्ष की आयु में हुई जो पूर्व ही निर्धारित थी। स्वयं ईसा जी ने कहा कि मेरी मृत्यु निकट है तथा तुम शिष्यों में से ही एक मुझे विरोधियों को पकड़वाएगा और वो मुझे मार देंगे। इससे सिद्ध है हज़रत ईसा जी ने कोई चमत्कार नहीं किया ये सब पहले से ही निर्धारित था। 

🔸पूर्ण परमात्मा ही भक्ति की आस्था बनाए रखने के लिए स्वयं प्रकट होता है। पूर्ण परमात्मा ने ही ईसा जी की मृत्यु के पश्चात् ईसा जी का रूप धारण करके प्रकट होकर ईसाईयों के विश्वास को प्रभु भक्ति पर दृढ़ रखा।

🔸यदि पूर्ण परमात्मा ईसा जी का रूप धारण करके प्रकट नहीं होते तब ईसा जी के पूर्व चमत्कारों को देखते हुए ईसा जी का अंत देखकर कोई भी व्यक्ति भक्ति साधना नहीं करता, नास्तिक हो जाते।
(प्रमाण पवित्र बाईबल में यूहन्ना 16: 4-15) ब्रह्म(काल) यही चाहता है।

🔸काल (ब्रह्म) पुण्यात्माओं को अपना अवतार (रसूल) बना कर भेजता है। फिर चमत्कारों द्वारा उसको भक्ति कमाई रहित करवा देता है। उसी में कुछ फरिश्तों (देवताओं) को भी प्रवेश करके
कुछ चमत्कार फरिश्तों द्वारा उनकी पूर्व भक्ति धन से करवाता है। उनको भी शक्ति हीन कर देता है।

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